The Icelandic Phallological Museum located in Reykjavik, Iceland, houses the world’s largest display of penises and penile parts. The collection of 280 specimens from 93 species of animals includes 55 penises taken from whales, 36 from seals and 118 from land mammals. In July 2011, the museum obtained its first human penis, one of four promised by would-be donors.
दुनिया का इकलौता Penis Museum (लिंग संग्रालय):
दोस्तों आपने अपनी ज़िंदगी मे बहुत से संग्राहलय (म्यूज़ियम – Museum) देखे होंगे। यूँ तो दुनिया में म्यूज़ियम (Museum) बनाने कि परंपरा बहुत पुरानी है और पुरातत्व महत्व की चीजों से लेकर इंसानों तक के म्यूज़ियम (Museum) पूरी दुनिया में पाए जाते है। इनमे से कई इतने विशाल और अदभुद है कि पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। लेकिन आइसलैंड (Iceland) की राजधानी रेक्जाविक (Reykjavik) मे स्थित एक म्यूज़ियम (Museum) पूरी दुनिया में सबसे अलग और अनोखा है क्योकि यह दुनिया का इकलौता म्यूज़ियम (Museum) है जहाँ कई तरह के जानवरों से लेकर इंसानों तक के लिंगों यानि जननांगों (Penis) का संग्रह किया गया है। इसकी खास बात यह है कि यह विश्व का एकमात्र इस तरह का म्यूजियम (Museum) है। इसका अनोखे म्यूज़ियम का नाम “आइसलैंडिक फैलोलॉजिकल म्यूजियम” (The Icelandic Phallological Museum) है। इस लिंग म्यूज़ियम की स्थापना आइसलैंड (Iceland) के एक निवासी सिगरदर जारटार्सन (Sigurour Hjartarson) ने 1997 में की थी।
1997 में शुरू हुआ यह म्यूज़ियम (Museum) दो दशक बाद यह एक पर्यटन स्थल बन गया है। वर्तमान में इसमें 300 लिंग (Penis) हैं, जिनमें से व्हेल की प्रजातियों, चूहों, घोड़ों और हाथियों के लिंग शामिल हैं। इसमें प्रवेश के लिए एंट्री फीस 13 डॉलर (लगभग 850 रुपये) है लेकिन 13 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए प्रवेश Free है। इसमें एक गिफ्ट शॉप भी है, जिस पर Condom और लिंग के आकार की कई अन्य चीजें मिलती हैं। 2015 में इस म्यूजियम को पहला मानव लिंग भी मिल गया। इसके साथ ही चार अन्य पुरुषों ने भी अपना लिंग देने का वादा किया हुआ है।
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मज़ाक से हुई थी Penis Museum की शुरुआत :
दरअसल इस म्यूज़ियम की शुरुआत एक मज़ाक से हुई थी और खुद जारटार्सन को भी इस बात का बिल्कुल अंदाज़ा नहीं था कि यह मजाक इस मुकाम पर पहुँच जायेगा। बात 1974 की है जब जारटार्सन आईसलैंड (Iceland) के एक स्कूल मे Principal थे। एक बार गर्मियों की छुटियों मे वो पास के एक गाँव में घूमने गये, वहाँ पर उन्हे किसी ग्रामीण ने एक सांड (बेल) का लिंग (Penis) दिया। उन्होंने वो लिंग (Penis) वापस आकर अपने साथी टीचर्स को दिखाया। उनके साथी अध्यापक भी गर्मियों की छुट्टियों में पास ही स्तिथ Whale Station (व्हेल स्टेशन) पर काम किया करते थे। उन्होंने जारटार्सन का मजाक उडाने के लिए, व्हेल स्टेशन से एक विशाल व्हेल मछली का लिंग (Penis) लाकर दिया। बाद में उनके दोस्तों ने गिफ्ट में ऐसे ही कई अलग-अलग लिंग उन्हें मजाक उड़ाने के उद्धेश्य से दिए। उन्होनें तो जारटार्सन के साथ मजाक किया था पर जारटार्सन पर इस मजाक का उल्टा असर हुआ और जारटार्सन को लिंगों का संग्रह (Collection of Penis) करने का विचार आया। 1980 तक उनके पास 13, 1990 तक 34 और 1997 में, जब उन्होंने रेक्जाविक (Reykjavik) मे पेनिस म्यूज़ियम खोला, उनके पास 62 लिंगो का संग्रह हो चुका था। वर्तमान में यह संख्या 300 से ज्यादा हो चुकी है।
लिंग (Penis) का है विशाल संग्रह :
इस संग्रालय मे आइसलैंड की धरती और पानी मे पाए जाने वाले अधिकतर मेमल्स (बच्चे पैदा करने वाले स्तनपायी प्राणी) के लिंगों का संग्रह है जिनकी संख्या 300 से अधिक है। इनमे 56 लिंग 17 अलग अलग तरह की व्हेल मछली के, 36 लिंग 7 अलग अलग तरह की सील के तथा बाकि के लिंग आइसलैंड की धरती पर मिलने वाले 26 प्रकार के अन्य मेमल्स के है जिनमें इंसान भी शामिल है। इसके अलावा कई लिंग विदेशी जानवारों के है। इस प्रकार कुल मिलाकर 300 से भी अधिक लिंग के नमुने यहाँ संग्रहित है। इस म्यूजियम में कुत्ता, बिल्ला, बंदर, भेड़, बकरे, आदि से लेकर गोरिल्ला और पोलर बियर तक के लिंग रखे हैं। यहां रखे सभी लिंग केमिकल ट्रीटमेंट के बाद प्रदर्शित किये जाते हैं। कुछ सुखाकर दीवारों पर लटका दिये जाते हैं तो कुछ फॉरमेलीन में रख दिये जाते हैं।
इस म्यूज़ियम को अब तक 4 लोगो ने अपनी मृत्यु पशचात लींग दान करने का वादा कर रखा है जिसमे से एक मनुष्य का लिंग तो म्यूज़ियम को मिल भी चुका है, जो कि आइसलैंड के टूरिस्ट गाइड पॉल एरासन (95 साल) का है। हालाकि उम्र अधिक हो जाने के कारन उनका लिंग काफि सिकुड़ चुका था। उनका यह लिंग, अंडकोष के साथ एक जार मे रखा है। म्यूज़ियम को अभी आदमी के अच्छे लिंग का इंतज़ार है। उनका यह इंतज़ार भविष्य मे पुरा होने कि पुरी उम्मिद है क्योकि अमेरिकी निवासी जोना फाल्कन, जिसका लिंग दुनिया का सबसे बड़ा लिंग (शिथील अवस्था मे 9 इंच और उत्तेजित अवस्था मे 13.5 इंच) है, ने मृत्यु पश्चात अपना लिंग म्यूज़ियम को दान करने की घोषणा की है।
यहाँ रखे लिंगो मे सब्से अधिक लम्बाई ब्लू व्हेल मछली के लिंग की (67 इंच) है। व्हेल मछली का लिंग 170 सेंटीमीटर यानी 67 इंच का है और इसका वजन 70 किलोग्राम है। सबसे कम लम्बाई हेमस्टर के लिंग यानि पेनिस बोन की है, जिसकी लंगाई मात्र 2 मिलीमीटर यानि .081 इंच है और इसे देखने के लिए मेग्निफाइन ग्लास कि जरुरत पड़ती है। पेनिस बोन, पेनिस में पाई जाने वाली हड्डी होती है जो की इंसानो के पेनिस मे नही होती है लेकिन कई जानवरो जैसे गोरिल्ला, चिम्पांज़ी आदि मे पाई जाती है। संग्रहालय में हाथी का लिंग रखा है, जिसकी लंबाई 1 मीटर है।
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संग्रहालय के संस्थापक का लिंग :
इस संग्रहालय की स्थापना सिगुरोर ने एक घर में की, जहां पर पहले रेस्त्रां हुआ करता था। इस म्यूजियम को स्थापित करने में उसकी बेटी ने भी काफी मदद की। बाद में उसे शॉपिंग स्ट्रीट में एक कमर्शियल बिल्डिंग में शिफ्ट कर दिया गया। संग्रहालय के संस्थापक सिगुरोर ने खुद का लिंग भी म्यूजियम को दान कर दिया है।
उन्होंने म्यूजियम में एक जगह निर्धारित कर वहां लिख दिया है –
“अगर मेरी पत्नी मुझसे पहले मर गई तो मेरा लिंग यहां रखा जायेगा, यानी जीतेजी लिंग कटवाकर रख देगा, लेकिन अगर मैं पहले मर गया, तो पता नहीं क्या होगा, लेकिन मेरी इच्छा है कि मेरा लिंग यहां रखा जाये।”
लिंग संग्रालय (पेनिस म्यूज़ियम) से जुड़े कुछ तथ्य :
।। धन्यवाद ।।
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